राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार की गति में होगी तेजी, 2024-25 में 13,000 किलोमीटर नई सड़कें बनेंगी। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 5-8% अधिक होगा विस्तार।
वर्तमान वित्त वर्ष 2024-25 में राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार की गति में तेजी आने की संभावना है। पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में इन सड़कों के विस्तार की दर लगभग 20% रही थी, जबकि इस वर्ष यह 5 से 8% अधिक हो सकती है। यह बढ़ोतरी उल्लेखनीय है, खासकर जब पिछले साल मानसून की वजह से निर्माण कार्यों में बाधा आई थी।
दूसरी छमाही में तेजी, चुनावों को भी दिया गया महत्व।पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 2022-23 की दूसरी छमाही की तुलना में 30% अधिक सड़क निर्माण हुआ था। इसका कारण पहली छमाही की कमी को पूरा करना और चुनावों को देखते हुए परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने का प्रयास था।12,500-13,000 किलोमीटर नई सड़कें बनने का अनुमान लगाया जा रहा है। क्रेडिट एजेंसी ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, इस वित्त वर्ष में 12,500 से 13,000 किलोमीटर लंबे नए राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाएंगे। इस विस्तार को परियोजनाओं पर ध्यान, अधिक आवंटन और सरकार की प्राथमिकता से मजबूती मिल रही है। मार्च 2024 तक 45 हजार किलोमीटर से अधिक राजमार्गों के निर्माण की परियोजनाओं को स्वीकृत किया जा चुका है।
भारतमाला परियोजना से जुड़ी कुछ बाधाएं भी हैं। यदि भारतमाला परियोजना के पहले चरण के खर्च के संशोधित आकलनों को स्वीकृति देने में देरी नहीं होती, तो मंजूर परियोजनाओं का आकार और बड़ा हो सकता था। बीते वित्त वर्ष में 2022-23 की तुलना में आवंटित परियोजनाओं की सड़क लंबाई में 31% की कमी आई थी।
राज्य सरकारों का भी सकारात्मक योगदान देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी इन मार्गों से बेहतर जुड़ाव के लिए अपने सड़कों के निर्माण पर ध्यान दे रही हैं। इससे न केवल आवागमन बढ़ाने में मदद मिली है, बल्कि विभिन्न प्रकार के वस्तुओं की ढुलाई की मात्रा एवं गति भी बढ़ी है।
अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी मिलेगा लाभ, भविष्य की तैयारी भी। केंद्र सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की कई योजनाओं को राजमार्गों के निर्माण से जोड़ा गया है। सड़कों के किनारे भंडारण की सुविधा बढ़ाने के लिए कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, गोदाम आदि का बड़े पैमाने पर निर्माण हुआ है। सड़कों के निर्माण और विस्तार से घरेलू बाजार में आपूर्ति बेहतर हुई है। इससे निर्यात को भी बड़ी मदद मिली है। सड़कों की लंबाई ही नहीं बढ़ रही है, बल्कि उनकी गुणवत्ता में भी निरंतर सुधार हो रहा है। इससे घरेलू पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिला है।
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